स्वतंत्रता का प्रतीक हमारा गौरव हमारा तिरंगा जब जब इसे लहराते देखता हु सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है कि हम आजाद है। पर एक सवाल उठता है मन में इस आजादी को पाने के लिए हमने तो कोई कीमत चुकाई नहीं फिर कैसे मिली हमे आजादी ? किसने दिया हमारे लिए अपने प्राणों का बलिदान..और क्यों? क्या रिश्ता है हमारा उनसे ? आज स्वतंत्रता दिवस है एक अवसर है ये जानने का की कैसे मिली है हमे ये आजादी किसने हमारे लिए अपना जीवन गंवा दिया हंसते हंसते सीने में गोलियां खाई, फांसी के फंदे को चूम लिया तो किसी ने अपनी जवानी, अपने सपने, सब कुछ मातृभूमि के चरणों में अर्पित कर दिया। कैसे थे वो लोग जिन्हें मालूम था कि वो कभी आजाद भारत में सांस नहीं ले पाएंगे फिर भी आजादी के लिया अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया ।। याद रखो… ये आज़ादी हमें भीख में नहीं मिली, ये क्रांति की ज्वाला में तपे खून और आंसुओं की अमूल्य विरासत है। इसे खोना मत…! चाहे अपनी लहू की आखिरी बूंद भी देनी पड़े, चाहे अपने सपनों की आखिरी किरण भी देश पर न्यौछावर करनी पड़े। आओ आज प्रतिज्ञा लें— इस तिरंगे को कभी झुकने नहीं देंगे, भारत को कभी रुकने नहीं देंगे, इस आ...
Ajay K Vichar
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